आपकी कहानी एक बड़ा फ़र्क ला सकती है
मन मेला में भाग लेने से आपको एक मौका मिलेगा अपने अनुभवों को एक बहुत बड़े युवा-वर्ग के साथ सांझा करने का। इस से मानसिक स्वास्थ्य के सकारात्मक पहलुओं के बारे में जागरूकता फैलेगी। आपका योगदान कई और युवा लोगों को प्रेरित करेगा कि वो आगे बढ़कर अपनी कहानिया सबके साथ बांटें। वो जान पाएंगे कि वो अकेले नही हैं और उन्हें मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े सामाजिक कलंक को दूर करने में मदद मिलेगी।
FAQs
आपकी कहानी एक बड़ा फ़र्क ला सकती है
मन मेला में भाग लेने से आपको एक मौका मिलेगा अपने अनुभवों को एक बहुत बड़े युवा-वर्ग के साथ सांझा करने का। इस से मानसिक स्वास्थ्य के सकारात्मक पहलुओं के बारे में जागरूकता फैलेगी। आपका योगदान कई और युवा लोगों को प्रेरित करेगा कि वो आगे बढ़कर अपनी कहानिया सबके साथ बांटें। वो जान पाएंगे कि वो अकेले नही हैं और उन्हें मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े सामाजिक कलंक को दूर करने में मदद मिलेगी।
किन लोगों की कहानियां सुनाता है मन मेला?
मन मेला पूरे भारत के युवाओं की कहानियां सुनाता है। इस डिजिटल संग्रहालय आपको लोगों की निजी कहानियां सुनने को मिलेंगी जो मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित आम ग़लतफ़हमियों को दूर करेंगी और उन से जुड़ी परेशानियों पर रोशनी डालेंगी। इन समस्याओं से लड़ने की ताक़त और उसके लिए ज़रूरी मदद की जानकारी दी जाएगी जिस से मानसिक स्वास्थ्य को हम हमारी सबसे बड़ी पूंजी बना सकेंगे।
कैसे चुना गया इन कहानियों को
हमारे संग्रहालय में अपने अनुभवों को स्वेच्छा से बताने वाले लोगों को एक सार्वजनिक मंच दिया गया। उनकी सुनाई कहानियों को उनकी अनुमति से यहां दर्शाने के लिए चुना गया। 
कैसे इन कहानियों को संग्रहालय लिए मीडिया के रूप में बदला गया?
कहानियों का योगदान करने वाले कथाकारों ने हमारे लेखकों और कलाकारों के साथ मिलकर अपने जीवन के अनुभवों को यह रूप दिया है। इस प्रक्रिया में साक्षात्कार (इंटरव्यू) और बातचीत की गई, हर कहानी सुनाने वाले व्यक्ति और टीम के सहयोग से महत्वपूर्ण मुद्दों को चुना गया, एक स्टोरीबोर्ड बनाया गया और मीडिया का ढांचा तैयार किया गया। कई बार सवाल-जवाब करने के बाद सबकी सम्मति से ही आपको यह कहानियां यहां देखने को मिलती हैं। हमारा पूरा ध्यान उस व्यक्ति विशेष पर केंद्रित रहा जिसकी कहानी हम सुन रहे हैं। उनके विचार और मत इस मीडिया प्रदर्शन के डिज़ाइन को रूप देने में सब से ज़्यादा महत्वपूर्ण रहे हैं।
कहाँ सांझा की जा रही हैं यह कहानियां?
इन कहानियों को मन मेला के चलते-फिरते डिजिटल संग्रहालय द्वारा भारत के पांच शहरों में प्रस्तुत किया जाएगा। यह हमारे ऑनलाइन और सोशल मीडिया चैनलों पर भी मौजूद रहेंगी। 
मेरी व्यक्तिगत जानकारी गुप्त कैसे रखी जाएगी?
आपकी व्यक्तिगत जानकारी और बातचीत के दौरान लिए गए विवरण, रिकॉर्डिंग और उन सब की प्रतिलिपियों को हमारी संस्था द्वारा गुप्त रखा जाएगा। बातचीत के दस्तावेज़ों की फाइलों को पासवर्ड से सुरक्षित रखा जाएगा। अगर आप अपना नाम सबको नहीं बताना चाहते, अज्ञात रहना चाहते हैं तब आपकी पूर्ण और लिखित सहमति के बिना आप का नाम और आप की व्यक्तिगत जानकारी (जैसे कि आप की उम्र, लिंग, संस्था/कॉलेज इत्यादि) कभी भी सार्वजनिक रूप से किसी के साथ सांझा नहीं की जाएगी। संग्रहालय या किसी ऑनलाइन मंच पर आपकी कहानी अगर बताई गई तब उस में आपके पात्र को एक काल्पनिक उपनाम दिया जाएगा। कोई भी रिपोर्ट लिखते समय या इस प्रोजेक्ट के बारे में चर्चा करते वक़्त आपकी व्यक्तिगत जानकारी का उपयोग नहीं किया जाएगा। हम सिर्फ़ इस प्रोजेक्ट से मिली सीख की बात करेंगे। 

मेरी कहानी मन मेला में नहीं शामिल की गई तो?
आपकी कहानी ख़ास है और हम आपकी पूरी मदद करेंगे उसे एक मंच देने में। मन मेला में सीमित जगह होने के कारण हमें खेद है कि हम हर कथाकार के योगदान को प्रदर्शनी में स्थान नहीं दे पाएंगे। हम आपको इस बात का आश्वासन देते हैं, हमारी टीम बहुत ध्यान से इस कोशिश में लगी है कि हर तरह के व्यक्तित्व को दर्शाने वाली कहानियां शामिल की जाएं। आपके द्वारा सांझा की हुई कहानी को हम किसी दूसरे मीडिया फॉर्मेट में मन मेला के 'इट इज़ ओके टु टॉक' कार्यक्रम में भी पेश कर सकते हैं।
मन मेला में अब कहानियों की प्रस्तुतियां बंद हैं लेकिन आप अपनी कहानी हमारे साथ इट इज़ ओके टू टॉक पर सांझा कर सकते हैं।
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